मुख्य सचिव ने कहा कि संक्रमण रोकथाम के लिए जिलाधिकारी सख्त कदम उठाएं। जिलाधिकारी नाइट कर्फ्यू एवं अन्य प्रतिबंधों पर अपने विवेक के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।
देश में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। उत्तराखंड में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहला केस सामने आ चुका है। स्कॉटलैंड से देहरादून पहुंची एक युवती में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की पुष्टि हुई। युवती के माता-पिता भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य सरकार हर स्तर पर सतर्कता बरत रही है। बॉर्डर पर सैंपलिंग का काम तेज कर दिया गया है। इसके अलावा कुछ कड़े कदम उठाए जाने की भी तैयारी है। प्रदेश में एक बार फिर से नाइट कर्फ्यू लगाया जा सकता है। इसके अलावा एहतियात के तौर पर अन्य तरह के प्रतिबंधों पर भी विचार किया जा सकता है। इसे लेकर जिलाधिकारी अपने विवेक के अनुसार निर्णय ले सकते हैं। गुरुवार को देहरादून में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें कोरोना संक्रमण रोकथाम पर चर्चा हुई। इस दौरान संबंधित अधिकारियों को ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण की रोकथाम के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्य सचिव ने राज्य के समस्त जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस खतरनाक वायरस से बचाव के लिए हर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव ने आदेश दिया कि अगर आवश्यकता पड़े तो जिलाधिकारी सख्त कदम उठाएं। जिलाधिकारी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नाइट कर्फ्यू एवं अन्य प्रतिबंधों पर भी अपने विवेक के अनुसार निर्णय ले सकते हैं। बता दें कि देश में ओमिक्रॉन संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्यों ने कई तरह के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात में भी कई तरह के प्रतिबंध लागू किए गए हैं। उत्तराखंड में भी ओमिक्रॉन संक्रमण का केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। संक्रमण रोकथाम के लिए राज्य सरकार कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है।